इस स्टोरी मे आप जानेंगे भारत मे अब तक महामहिम पद पर आसीन हुये सभी राष्ट्रपति और उनके कार्यकाल के बारे मे।
भारत के एकमात्र राष्ट्रपति थे, जिन्होंने दो कार्यकालों तक राष्ट्रपति पद पर कार्य किया. वे संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे और भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन के प्रमुख नेता. उनको 1962 में भारत रत्न दिया गया था
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 को हुआ था और इसी दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. उनको 1954 में भारत रत्न दिया गया था
डॉ जाकिर हुसैन भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति बनें और इनकी मृत्यु पद पर रहते ही हुई थी. तात्कालिक उपराष्ट्रपती वी.वी गीरि को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था. यह भारत के सबसे प्रसिद्ध तबला वादक थे
वी. वी गिरी यह पहले भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति रहे थे. इनका पूरा नाम वराहगिरी वेंकटगिरी है. इनके समय में दुसरे चक्र की मतगणना करनी पड़ी थी. 1975 में उनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
मई 1969 में जब राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन की मृत्यु हुई, तब तत्कालीन उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरि राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे थे। लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया। तब भारत के मुख्य न्यायाधीश एम. हिदायतुल्ला ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम किया।
वी. वी गिरी भारत के चौथे राष्ट्रपति थे. इनका पूरा नाम वराहगिरी वेंकटगिरी है. इनके समय में दुसरे चक्र की मतगणना करनी पड़ी थी. यह पहले भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति भी रह चुके थे. 1975 में उनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
फखरुद्दीन अली अहमद भारत के पांचवे राष्ट्रपति थे. ये दुसरे राष्ट्रपति थे जिनकी मृत्यु राष्ट्रपति के पद पर रहते ही हो गई थी. जिसके कारण बी.डी जत्ती को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था.
बसप्पा दानप्पा जट्टी भारत के पांचवें उपराष्ट्रपति थे, जिन्होंने 1974 से 1979 तक सेवा की। वह 11 फरवरी से 25 जुलाई 1977 तक भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति थे। मृदुभाषी जट्टी एक नगर पालिका सदस्य के रूप में एक विनम्र शुरुआत से भारत के दूसरे सर्वोच्च पद तक पहुंचे।
भारत के छठे राष्ट्रपति बने और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं. वे भारत के ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्हें राष्ट्रपति के उम्मीदवार होते हुए प्रथम बार विफलता प्राप्त हुई और दूसरी बार उम्मीदवार बनाए जाने के बाद वह राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हुए थे.
राष्ट्रपति बनने से पहले वे पंजाब के मुख्यमंत्री और केंद्र में भी मंत्री रहे थे. उनके राष्ट्रपति कार्यकाल में बहुत सी घटनाये घटी जैसे ऑपरेशन ब्लू स्टार, इंदिरा गाँधी की हत्या और 1984 में सिख विरोधी दंगा
आर. वेंकटरमण 1984 से 87 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे थे. वे एक भारतीय वकील, स्वतंत्रता संग्रामी और महान राजनेता थे. उन्होंने अपने राष्ट्रपति काल में सर्वाधिक प्रधानमंत्री को उनकी पद की शपथ दिलाई थी.
वे अपने राष्ट्रपति पद से पहले, भारत के आठवें उप राष्ट्रपति थे. 1952 से 56 तक वे भोपाल के मुख्य मंत्री रहे थे और 1956 से 67 तक कैबिनेट मिनिस्टर. इंटरनेशनल बार एसोसिएशन ने उनको लीगल प्रोफेशन में बहु-उपलब्धियों के कारण ‘लिविंग लीजेंड ऑफ़ लॉ अवार्ड ऑफ़ रिकग्निशन’ दिया था.
के. आर. नारायणन भारत के प्रथम दलित राष्ट्रपति तथा प्रथम मलयाली व्यक्ति थे जिन्हें देश का सर्वोच्च पद प्राप्त हुआ था. वे लोकसभा चुनाव मतदान करने वाले तथा राज्य की विधानसभा को सम्बोधित करने वाले पहले राष्ट्रपति थे.
डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारत के मिसाईल मेन नाम से भी जाने जाते हैं. वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने राष्ट्रपति पद को संभाला और भारत के पहले राष्ट्रपति जो सर्वाधिक मतों से जीते थे. 1974 एवं 1998 में भारत के परमाणु परीक्षण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था. 1997 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
वह राष्ट्रपति बनने से पहले राजस्थान की राज्यपाल रहीं थी. 1962 से 85 तक वह पांच बार महाराष्ट्र की विधानसभा की सदस्य रही और 1991 में लोकसभा के लिए अमरावती से चुनी गई थी. इतना ही नहीं वह सुखोई विमान उड़ाने वाली पहली महिला राष्ट्रपति भी हैं.
प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से पहले केंद्र सरकार में वित्त मंत्री के पद पर थे. उनको 1997 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार एवं 2008 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा असैनिक सम्मान पद्म विभूषण प्रदान किया गया था.
राष्ट्रपति बनने से पहले वे बिहार के पूर्व गवर्नर थे. राजनीतिक समस्याओं के प्रति उनके दृष्टिकोण ने उन्हें राजनीतिक स्पेक्ट्रम में प्रशंसा दिलाई. एक राज्यपाल के रूप में, उनकी उपलब्धियां विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार की जांच के लिए न्यायिक आयोग का निर्माण करना था.
द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं. द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में एक संथाली आदिवासी परिवार बिरंची नारायण टुडू के घर हुआ था. वह झारखंड की पूर्व राज्यपाल रही हैं. उन्हें वर्ष 2007 में, ओडिशा विधान सभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.